बड़ी मुद्दतों के बाद यानी करीब ५ वर्षों के बाद पुनः देश के हाथों में अपना वर्तमान तथा भविष्य सवांरने का एक मौका आया है| आम चुनाव सर पर हैं| यही कहाँ जाता है हमेशा|
आम चुनाव सर पर हैं यह तो सही है पर ये चुनाव भोझ तो नहीं है?
बोझ होगा यदि हमेशा की तरह इस बार भी आम जनता ने वोट नहीं डाले तो |
बड़े दिनों के बाद लिखना प्रारम्भ किया है तो प्रश्नों से ही शुरुवात होगी|
युवकों से केवल यही प्रार्थना है की इस बार वोट देने अवश्य जायें!!!
बाकी अगले चिट्ठे में!!
आपका,
राजेश अमरनाथ पाण्डेय
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