Sunday, December 27, 2009

खाली नेता, सूखी जनता















खाली नेता, सूखी जनता.......केवल सुख की आवाजें हैं.....



3 comments:

Unknown said...

गजब कहा आपने

http://dafaa512.blogspot.com/

aarya said...

सादर वन्दे
अपना काम बनता भाड़ में जाये जनता
इसके सिवा और क्या सोचेंगे नेता
रत्नेश त्रिपाठी

Udan Tashtari said...

ह्म्म!!