जीवन के ३३ वर्षों में, मैंने हमेशा एक प्रश्न से अपने आपको दूर भागते पाया है वह एक ऐसा यक्ष प्रश्न है जिसका उत्तर बहुतेरों के पास शायद ही हुआ करता है
कर्मन्येवाधिका रस्ते माँ फलेषु कदाचन् , यह वाक्य अगिनत बार सुनने के बाद भी एक प्रश्न मन में आता है, "कर्म तो करेंगे ही, परन्तु कर्म क्या करना है?"
बचपन से इस प्रश्न का उत्तर कभी नही मिला
"Life has a funny way of unfolding your dreams to you, it always gives a complete picture to you & expects you to work backwards to find your part of the puzzle। Challenge here is, can you identify your part to be played"।
केवल २५ नीम के पौधे प्रति सप्ताह और हर पौधे को एक "नीम रक्षक", नीम माता अथवा नीम पिता के रूप में ढूंढ कर देना
साधारण रूप से सोचने पर यह कितना सरल एवं छोटे से सोच का कोई हिस्सा लगता है परन्तु यदि मैं थोड़े से गहरे पानी में उतरू तो समझ में आ जाएगा की ५६ सप्ताह में १४०० नीम के पौधे लगाये जा सकते हैं
इन पौधों में से यदि १००० भी पल बढ़ कर बड़े हुए तो कुछ वर्षों में ३*३ (३ वर्ग मीटर) प्रति नीम के पेड़ के हिसाब से ३००० वर्ग मीटर जमीन पर हरियाली लाई जा सकती है
मैं यदि केवल थाने शहर के बारे में सोचूं तो, अगले ५ वर्षों में १५००० वर्ग मीटर हरियाली जोड़ सकता हूँ
यदि शुरुवात की गयी तो और लोग भी इस पुण्य कार्य में जुड़ना चाहेंगे हम यदि २००० नीम मित्रों को भी यदि साथ ला पाए तो अगले ५ वर्षों में यह संख्या १५०००* २००० = ३००००००० (तीन करोड़) वर्ग मीटर तक पहुँच सकती है
प्रश्न यह उठता है की इतनी हरियाली तो किसी भी वृक्ष को लगा कर या घास उगा कर भी जोडा जा सकता है तो फिर नीम ही क्यों?
इसका उत्तर मैं अपने पहले वाले ब्लॉग में दे चुका हूँ।
प्रश्नोत्तर बहुत हो चुका अब काम करने का समय आ गया है
मुझे अब इस सप्ताह के २५ पौधों और अन्य नीम मित्रों को इस अभियान से जोड़ने के बारे में सोचना और कार्य करना है
अब मिलते रहेंगे.......
3 comments:
२५ पौधे ! कुछ अधिक ही बड़ा लक्ष्य नहीं है क्या?
घुघूती बासूती
शुभकामनाए इस अभियान के लिये। समय-समय पर जानकारी देते रहियेगा।
सराहनीय एवं सार्थक प्रयास.
शुभकामनाऐं.
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