न्यूयार्क। भारत में तेजी से हो रहे अर्थव्यवस्था के विकास और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आए उछाल से आकर्षित होकर अधिकाधिक संख्या में भारतीय सिलिकन वैली से स्वदेश लौट रहे हैं।
द इंडस एंटरप्रीनियर ग्रुप (टीआईई) का अनुमान है कि हाल के वर्षो में लगभग 60000 भारतीय स्वदेश लौट चुके हैं।
इस प्रवृत्तिका प्रभाव अमेरिका में सर्वाधिक सिलिकन वैली पर ही पड़ा है। टीआईई ने 2003 में कहा था कि 15000 से 20000 भारतीय वापस जा चुके हैं। संगठन के चार्टर सदस्य विश मिश्रा ने सान जोस मर्करी न्यूज को बताया कि यह प्रवृत्तिजारी है और पिछले चार साल में करीब 40000 और भारतीय स्वदेश लौट चुके हैं।
मिश्रा ने कहा कि भारत में पूंजी का प्रवाह भी बढ़ा है। इसका अधिकतर भाग सिलिकन वैली से आ रहा है। मिश्रा क्लीयरस्टोन वेंचर्स का साझीदार भी है।
क्लीयरस्टोन वेंचर्स का अब मुंबई में दफ्तर भी है। ऐसे ही कई और कंपनियों ने भी अपने दफ्तर वहां खोले हैं।
मिश्रा ने कहा कि अगस्त 2006 में समाप्त हुई 12 महीने की अवधि के दौरान विभिन्न कंपनियों ने अलग-अलग कंपनियों में दो अरब डालर का निवेश किया।
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