Friday, January 1, 2010

खुशबू

खुशबू

उसके गुजरने के बाद,
मेरे करीब से गुजरता हुआ लम्हां थम सा गया,
मेरे दिमाग में बस वो रह गई....
और उसके जुल्फों की "खुशबू".

राजेश अमरनाथ पाण्डेय
२/०७/१९९७